ई लर्निंग पर निबंध

ई लर्निंग पर निबंध | e learning par nibandh | e learning ki shuruwat | e learning ka mahatva | e learning ke fayde | e learning ke nuksan | e learning ka bhavishya | e learning ke bare puri jankari hindi me

ई लर्निंग क्या है?

e-Learning Kya Hai: ई लर्निंग जिसका पूरा नाम यानी फुल फॉर्म इलेक्ट्रॉनिक लर्निंग (Electronic Learning) है यानी शिक्षा का एक ऐसा रूप जिसे हम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप आदि के द्वारा हासिल करते है उसे ई लर्निंग कहा जाता है। आसान भाषा में ई लर्निंग को ऑनलाइन लर्निंग या ऑनलाइन शिक्षा भी कहा जाता है क्यूंकि इसमें हम ऑनलाइन इन्टरनेट के माध्यम से विडियो, ऑडियो आदि के द्वारा पढाई करते है ई लर्निंग में मोबाइल आधारित लर्निंग या कंप्यूटर आधारित लर्निंग, वेब आधारित लर्निंग, वर्चुअल क्लासरूम, तथा वेबिनर आदि शामिल है।

ई लर्निंग के प्रकार 

वैसे तो ई लर्निंग काफी प्रकार के होते है पर इसका मुख्य दो प्रकार है 

  • Synchronous learning
  • Asynchronous learning

Synchronous Learning क्या है?

Synchronous learning में एक ही समय में learner और instructor यानी student और teacher अलग-अलग जगह में एक ही समय में एक दूसरे को interact करते हैं। जैसे की वीडियो कॉन्फ्रेंसिग, ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग, लाइव चैट, वैबाइनर आदि के द्वारा। इसमें पढाई के दौरान आपको किसी चीज में doubts होने पे आप अपना सवाल तुरंत पूछ सकते है और इसका जवाब भी आपको तुरंत मिल जाएगा जिससे आपका कन्फ्यूजन उसी समय दूर हो जाएगा इसलिए इसे रियल- टाइम लर्निंग भी कहा जाता है।

Asynchronous Learning क्या है?

Asynchronous learning में learner और instructor यानी student और teacher के बीच एक समय में interact करने का कोई संबंध नहीं होता है। ऑनलाइन कोर्स, ब्लॉग्स, ई- बुक्स, ऑनलाइन विडियो आदि के द्वारा पढाईकरना। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे हम जब चाहे दिन में 24 घंटों में कभी भी इसको निकाल कर पढ़ सकते हैं इसमें समय की कोई पावंदी नहीं होती है। 

ई लर्निंग की शुरुआत

ई लर्निंग शब्द का प्रयोग सबसे पहले लॉस एंजेलिस में वर्ष 1999 में में एक सेमिनार में किया गया था। इन्टरनेट की शुरुआत साल 1995 में तो हो गए थी पर ये 1999 में भी लोगो के पहुँच से काफी दूर थी फिर जैसे जैसे इन्टरनेट का विस्तार होने लगा लोग इसके साथ जुड़ते गए और वैसे वैसे ई लर्निंग का भी विस्तार होने लगा। 

ई लर्निंग का महत्व

ई लर्निंग के महत्व की बात करे तो ई लर्निंग आज कल बहुत ही महत्वपूर्ण है आज कल इन्टरनेट हमारे लाइफ का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है आज कल हर कोई अपना छोटा से छोटा काम ऑनलाइन करना ज्यादा पसंद करता है चाहे ऑनलाइन मनी ट्रान्सफर करना हो, ट्रेन, बस या हवाई जहाज काटिकट्स बुक करना हो, या ऑनलाइन शौपिंग करना हो यहाँ तक की आज कल हम अपना छोटे से छोटे काम भी ऑनलाइन करना ज्यादा पसंद करते है और ऐसे में एजुकेशन पीछे नहीं रहना चाहिए।

बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ ई लर्निंग का महत्व भी काफी ज्यादा बढ़ गया है आज कल लगभग हर किसी तक इन्टरनेट पहुँच चूका है लोग अब अपना छोटा छोटा सवाल भी अपना parents या teachers से पूछने के वजाय इन्टरनेट में तलाश करते है क्यूंकि इन्टरनेट में आज कल हर सवाल का जवाब आपको तुरंत पूरी विस्तार में मिल जाता है। 

साथ ही शिक्षा के अस्तर को बेहतर बनाने और सभी तक शिक्षा को पहुचने के लिए ई लर्निंग की काफी ज्यादा आवश्यकता है। क्यूंकि ई लर्निंग के द्वारा अब लोग कभी भी और कही भी कुछ भी पढाई कर सकते है।

क्लासरूम में जो हमे शिक्षा दिया जाता है वह ज्यादातर पारंपरिक शिक्षा होती है जिसमे theory knowledge पे ज्यादा ध्यान दिया जाता है पर ई लर्निंग में हम किसी भी topic के बारे video में practical देख के ज्यादा अच्छी तरह से समझ सकते है।

ई लर्निंग के द्वारा हम जो चाहे उसके बारे में पढ़ सकते है या विडियो में देख के सिख सकते है ई लर्निंग के द्वारा हम देश-विदेश के किसी भी teacher से ऑनलाइन पढाई कर सकते है और सिख सकते है। 

ई लर्निंग के फायदे

आज के इस बढती टेक्नोलॉजी के दुनिया में ई लर्निंग के फायदे काफी सारे है  जैसे 

  • ई लर्निंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आप कही भी कभी भी कुछ भी पढाई कर सकते है
  • जब आप ऑफलाइन क्लास करते हैं तो अगर किसी करणवश आपका क्लास छुट जाता है तो आपको वह पढाई खुद से करनी होती है लेकिन ई लर्निंग में ऐसा नहीं है अगर ऑनलाइन क्लास छुट भी जाए तो आप किसी भी टाइम उसको निकाल कर पढ़ सकते हैं। तथा समझ ना आने पर आप बार-बार उसे पढ़ सकते हैं या देख सकते है।
  • ऑनलाइन लर्निंग बहुत ही सस्ता होता है क्यूंकि इसमें हमे ना तो स्कूल की जरुरत होती है और ना ही क्लासरूम की। आज कल इन्टरनेट पे आपको बहुत सारे ऑनलाइन कोर्स फ्री में भी मिल जाएंगे। 
  • ई लर्निंग के द्वारा आप बहुत सारे certified course ऑनलाइन फ्री में कर सकते है। 
  • अगर आप किसी करणवश स्कूल या कॉलेज नहीं जा पाते हैं तो आप ई लर्निंग के द्वारा ऑनलाइन माध्यम से उस पढाई को पूरा कर सकते हैं।
  • अगर कहा जाए तो ऑनलाइन क्लास प्रकृति के बचाव के लिए भी बहुत लाभदायक है क्योंकि ऑनलाइन लर्निंग में किताबों की आवश्यकता नहीं होती है जिससे कागज का निर्माण भी काफी कम होता है और पेड़ों का कटना भी सीमित मात्रा में होती है।

ई लर्निंग के नुक्सान

किसी भी चीज का जब उससे हमे कुछ फायदे होते है तो साथ ही उसका कुछ नुकसान भी होता है और हमे उसके फायदे और नुकसान दोनों के बारे में पता होना काफी जरुरी होता है तो चलिए जानते है ई लर्निंग का नुकसान क्या है?

  • ई-लर्निंग का सबसे बड़ा नुकसान है की इसमें पढाई का माहोल नहीं बन पाता है। एक क्लासरूम में पढाई का जो माहोल होता है वह ई-लर्निंग में कभी बन नहीं पाएगा।
  • ई-लर्निंग के द्वारा पढाई करते समय अगर स्टूडेंट अपने पढाई के प्रति serious रहा तो ठीक वरना इसमें mind बहुत जल्दी divert हो जाता है। 
  • ई-लर्निंग के द्वारा पढाई करना कई students के लिए बहुत boring होता है जिस कारण से वह पढाई में अच्छा से मन नहीं लगा पाते है। 
  • अगर आप पढ़ाई के प्रति बहुत ज्यादा सेंसिटिव हैं, तो आपको ई लर्निंग यानी ऑनलाइन क्लास अच्छे नहीं लगते होंगे क्योंकि एक सेंसिटिव छात्र के लिए पढ़ाई के साथ-साथ डिसिप्लिन भी मायने रखती है। और ई लर्निंग में डिसिप्लिन नाम की कोई चीज छात्र में देखने को नहीं मिलती है।
  • ई लर्निंग में आपको ऑफलाइन क्लास की तरह सुविधा नहीं दे सकता क्योंकि ऑफलाइन क्लासेस में टीचर और छात्र का फेस टू फेस इंटरेक्शन रहता है वही ई लर्निंग में ये नहीं हो पाता है।
  • ई लर्निंग मे आपको बहुत सारी परेशानियां भी हो सकती है जैसे कि कभी नेटवर्क का नहीं होना या इन्टरनेट का डाटा ख़त्म हो जाना और ऐसे में आपकी ऑनलाइन लाइव क्लासनहीं हो पाएगी। 

ई लर्निंग का भविष्य

ई लर्निंग की भविष्य की बात करे तो भविष्य में ई लर्निंग का विस्तार काफी ज्यादा होने वाला है। 

आज कल लोग अपनी छोटी छोटी काम ऑनलाइन इन्टरनेट की मदद से करना पसंद करते है यानी हम कह सकते है की लोग नए नए टेक्नोलॉजी को अपना रहे है और उसका इस्तेमाल कर रहे है और ऐसा होना भी चाहिए क्यूंकि ज़िन्दगी में कुछ नया ना हो कुछ बदलाव ना हो तो जीने का मज़ा भी नहीं आता।

ऐसे में जब लोग नए नए टेक्नोलॉजी को अपना रहे लोग ज्यादा से ज्यादा इन्टरनेट का इस्तेमाल कर रहे तो फिर शिक्षा इससे दूर कैसे रहेगा।

लोग आज कल इन्टरनेट से पढ़ने में ज्यादा comfortable है और लोगो की जरुरत को पूरा करना ही तो मार्किट का डिमांड होता है ऐसे में देश विदेश में ऐसे बहुत सारे e-learning पर कार्यक्रम हो रहे है जो ई-लर्निंग को बढ़ावा दे रहे और इसके विकाश में अपना येगदन दे रहे।

आज कल देश दुनिया के कई सारे बड़े बड़े स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी इस बात पे जोर दे रहे है की वह अपना students को ज्यादा से ज्यादा बढ़िया शिक्षा ऑनलाइन लर्निंग के द्वारा कैसे दे और बहुत सारे स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऐसे भी है जो अपने अपने students को ई लर्निंग के द्वारा शिक्षा देने भी लगे है।

आने वाले कुछ सालो में पढाई का पूरा concept बदल जाएगा लोग ई लर्निंग के द्वारा ज्यादा से ज्यादा जुड़ने लगेंगे क्यूंकि बढती टेक्नोलॉजी के साथ साथ ई लर्निंग भी काफी बढ़ने वाली है।

निष्कर्ष:-

ई-लर्निंग पर निबंध (e-learning par nibandh) के इस आर्टिकल में हमलोगों ने जाना की ई-लर्निंग का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक लर्निंग होता है यानी पढाई का एक ऐसा तरीका जिसमे हम इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप आदि की मदद से करते है वह ई लर्निंग होता है। साथ ही इसमें हमलोगों ने ई-लर्निंग की शुरुआत, ई-लर्निंग का महत्व, ई-लर्निंग के फायदे, ई-लर्निंग के नुक्सान, ई-लर्निंग का भविष्य आदि के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में जाना।

इसके अलावा भी यदि आपके मन में e-learning in hindi से जुड़ी किसी प्रकार का प्रश्न होगा तो वह आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है मुझे आपके प्रश्नों के उत्तर देकर काफी ख़ुशी होगी।

Q: ई लर्निंग का फुल फॉर्म क्या होता है?

A: ई लर्निंग का फुल फॉर्म इलेक्ट्रॉनिक लर्निंग होता है।

Q: ई लर्निंग क्या होता है?

A: ई लर्निंग पढाई का एक ऐसा तरीका है जिसमे हम इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप आदि की मदद से पढाई करते है।

Q: ई लर्निंग की शुरुआत कब हुई?

A: ई लर्निंग की शुरुआत 1999 में हुई।

Leave a Reply